नई दिल्ली : मोदी सरकार ने Agniveer की भर्ती से जुड़ी अग्निपथ स्कीम पर विपक्ष के हमलों का प्रभावी जवाब देने के लिए तैयारी कर ली है। इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और बीजेपी नहीं चाहती कि लोकसभा चुनाव की तरह यह मुद्दा उसके लिए समस्या बने।
अग्निपथ स्कीम को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा चुनाव के बाद जेडीयू और एलजेपी जैसे सहयोगी दल भी इस स्कीम की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। विपक्ष और सहयोगी दलों के दबाव में मोदी सरकार ने अब इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से निपटाने की तैयारी कर ली है। इसके तहत अब मोदी सरकार केंद्रीय सशस्त्र बलों (CAPF) की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का जोर-शोर से प्रचार कर रही है। पूर्व अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा भी नहीं देनी होगी और उन्हें आयु में भी छूट मिलेगी।
पिछले साल ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐलान किया था कि केंद्रीय सुरक्षा बलों में पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा। अब बीएसएफ, सीआईएसएफ के चीफ इसका ऐलान कर रहे हैं। मोदी सरकार अब अग्निपथ के मुद्दे पर और जोखिम नहीं उठाना चाहती, क्योंकि अगले 2-3 महीनों में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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Agniveer का मुद्दा लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए चुनौती
लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने अग्निपथ स्कीम को जोर-शोर से उठाया और वादा किया कि सत्ता में आने पर इसे खत्म कर देंगे। हालांकि, कांग्रेस सत्ता में नहीं आई, फिर भी इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आक्रामक है। राहुल गांधी ने अग्निवीरों की मौत के बाद मिलने वाले मुआवजे का मुद्दा उठाया था, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना ने खारिज कर दिया। बीजेपी ने राहुल गांधी पर अग्निवीर के मुद्दे पर झूठ बोलने और देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। बावजूद इसके, विपक्ष का इस मुद्दे पर तेवर नरम नहीं पड़ा।
अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण, शारीरिक परीक्षा और आयु में छूट
मोदी सरकार ने विपक्ष के हमलों को कुंद करने के लिए पूर्व अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है। गुरुवार को सीआईएसएफ की डायरेक्टर जनरल नीना सिंह और बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल ने विस्तार से बताया कि पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। उन्हें शारीरिक परीक्षा और आयु में छूट दी जाएगी। पहले साल ऊपरी आयु सीमा में 5 साल तक की छूट मिलेगी और बाद के वर्षों में यह छूट 3 साल होगी।
BSF के डीजी अग्रवाल ने कहा कि इससे BSF को प्रशिक्षित जवान मिलेंगे जिनके पास 4 साल का अनुभव होगा। इसी तरह सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह ने भी कहा कि भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। आरपीएफ के डीजी मनोज यादव और एसएसबी के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने भी बल की भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐलान किया।
क्या है अग्निपथ योजना
अग्निपथ योजना जून 2022 में शुरू की गई थी, जिसका मकसद तीनों सेनाओं की औसत आयु को कम करना है। इस योजना के तहत 17.5 से 23 वर्ष के युवाओं की सेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती की जाती है। भर्ती जवानों को अग्निवीर का नाम दिया गया है और ये 4 साल के लिए भर्ती होते हैं। इनमें से 25 प्रतिशत को स्थायी कर दिया जाता है और बाकी 75 प्रतिशत को रिलीज कर दिया जाता है।