Samudrik Shastra : व्यक्ति के बारे में सिर्फ उसकी जन्म कुंडली आग्रह क्षेत्र से ही नहीं पता चलता है बल्कि व्यक्ति के शरीर की बनावट से भी व्यक्ति के कई राज पता चलते हैं।
ग्रहण नक्षेत्र हस्तरेखा और जन्म कुंडली ही नहीं बल्कि आंखों से भी भाग्य का कनेक्शन रिश्ता है। आंखों की जुबान नहीं होती फिर भी हां आपके बारे में बहुत कुछ कहा जाती है बस आंखों की भाषा समझने वाला चाहिए। व्यक्तित्व के दिल की गहराइयों का राज आंखों में झलकता है। आंखों से व्यक्तित्व के चरित्र सोच और स्वभाव की जानकारी प्राप्त करने का विराम ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रंथ साहित्य ग में प्राप्त होता है। आंखें मन मस्तिष्क हृदय के साथ आत्मा का सच्चा प्रति बंद है किसी भी व्यक्ति की आंखों को ध्यान से देखा उसके मन के अंदर की स्थिति को जानना जा सकता है।
प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में स्नेह विश्वास या निराशा आदि में से कई एक प्रवृत्तियां पाई जाती है जो उचित समय पर तथा उचित स्थिति आने पर स्पष्ट रूप से व्यक्ति के व्यवहार में देखने को मिलती है। अनंत रमन ग्रंथ रखने वाले की आंख अक्सर लाल दिखाई पड़ती है इस प्रकार आंखों में अन्य मनोभाव जैसे दिल के अंदर का प्रेम कारण वात्सल्य इत्यादि का पता स्वच्छ चलने लगता है। इन्हीं सब आंखों के लक्षणों के अनुसार व्यक्ति की मां स्थिति का रहस्य उजागर होता है। आंखों की पुतलियां का रंग आईने की तरह इंसान के व्यक्तित्व को दर्शाता है।
काली और बुरी आंखें ज्यादातर मनुष्य की होती है कुछ लोगों की आंखों का रंग धुंधला हरा नीला के अथवा निश्चित होता है। नीली आंखों वाले गंभीर एवं शांति प्रिया तेज दिमाग के होते हैं वही हरि आंखों वाले अन्य लोगों की हो पेज अधिक बुद्धिमान होते हैं। हरी आंखों का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में आंखों की बनावट आकर पकड़ पकड़ चेहरे पर उनकी स्थिति रंग और चंचलता दृश्य के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
बादाम के आकार के नेत्र अथवा कमल पत्र के सम्मान नेत्र बेहद शुभ माने जाते हैं। ऐसे लोगों जीवन में ऐसा स्वास्थ्य सामुद्रिक सुख और सफल जीवन प्रतीत करते हैं। विपरीत तोते की तरह की गोलाकार आंखें व्यक्तित्व के 100 केंद्रित स्वार्थी व चंचल होने का संकेत देती है। कमल के समान आंखें होने पर व्यक्तित्व भाग्यशाली होते हैं। हिरण अथवा खरगोश जैसे आंखों वाले व्यक्ति थे जीवन भर शक आता है
नीली आंखें सनी प्रधान व्यक्तित्व को दर्शाती है हरी आंखें बुद्धि प्रधान व्यक्ति की होती है काली आंखें सनी की स्थिति को दर्शाती है गृह आंखें राहु केतु की स्थिति का आकल्पन करती है। चंद्रमा प्रधान आंखें चंचल एवं अस्तित्व होती है । पलके बार-बार झपकने लगती है। आंख यानी नेत्र का महत्व सर्वपरी है बिना आंखों के चल पाना बड़ा मुश्किल होता है इसलिए मार्गदर्शन करने वाले ज्योतिष शास्त्र को विविधता का नेत्र कहां गया है।
जो मार्गदर्शन आगे करती है वही मार्गदर्शन अंधेरे में रहा दिखाकर ज्योतिष शास्त्र करता है। आंखों के अच्छे स्वास्थ्य और दूसरों की नजर से बचने के लिए अगर प्रतिदिन सूर्य को अदरक दिया जाय अथवा भगवान सूर्य के आदित्य हृदय स्त्रियों का पाठ किया जाए तो आंखों की रोशनी एवं चमक बढ़ने लगती है वास्तविक कोई भी कथ्य तथ्य अथवा सत्य अंतिम नहीं होता इसलिए आंखों के जारी किसी भी चरित्र आदि की भविष्यवाणी करने से पहले उसकी जन्म प्रति या ब्रदर्स के अनुसार ही उसके चरित्र स्वभाव आदि का आकलनपान करने के पश्चात है पूर्ण फल कहां करना चाहिए!