Betul Update : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष श्री दिनेश चन्द्र थपलियाल के निर्देशन में 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर स्थानीय जेएच कॉलेज बैतूल में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में प्रधान न्यायाधीश कुटूम्ब न्यायालय-श्री शिवबालक साहू सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बैतूल श्रीमती शर्मिला बिलवार, एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सोमनाथ राय तथा एनएसएस ऑफिसर प्रो.श्री गोपाल कृष्ण साहू, श्री सुखदेव डोंगरे, कार्यक्रम अधिकारी श्री शंकर सातनकर एवं कॉलेज के छात्र-छात्रा एवं पैरालीगल वॉलेंटियर्स उपस्थित रहें।

प्रधान न्यायाधीश कुटूम्ब न्यायालय श्री शिवबालक साहू द्वारा युवाओं को अपना बुढ़ापा व भविष्य सुखद व सम्मान योग्य बनाने के लिए स्वयं के आचरण एवं व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि संतान का अपने माता-पिता से ईश्वर द्वारा निर्धारित रिश्ता होता है, जबकि पत्नी और मित्रगणों का रिश्ता उनके द्वारा तय किया जाता है, किन्तु जहां प्राथमिकता व महत्व की बात आती है तो ईश्वरीय रिश्ते को नजरअंदाज कर वर्तमान में बनाये रिश्ते को प्राथमिकता दी जाती है। माता-पिता अथवा वरिष्ठजनों को समय व सम्मान देने की आवश्यकता है जो आज नहीं मिल पा रहा है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सोमनाथ राय द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर बुजुर्ग के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए संवेदनशील है और बुजुर्गों के लिये नालसा वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा योजना-2016 के माध्यम से उनके लिये स्वास्थ्य शिविर एवं भरण-पोषण के लिए निःशुल्क कानूनी सलाह एवं सहायता प्रदान की जा रही है।

श्री सुखदेव डोंगरे द्वारा बताया गया कि आज हमे परिवार में वरिष्ठजनों का सम्मान व आदर किया जाता है तो उसे अन्य तीर्थ करने की आवश्यकता नहीं है। प्रो. श्री गोपाल कृष्ण साहू द्वारा जानकारी दी कि पहले परिवार में वरिष्ठजनों का और पड़ोसियों का भी दबाव होता था किन्तु आज के बच्चों की गलत आदतें व दुर्व्यवहार को माता-पिता ही पक्ष लेते है। संस्कार माता-पिता से ही प्राप्त होते है इसलिए बच्चों के अच्छे व्यवहार और आदतों के संस्कार परिवार से ही प्रारंभ होने चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी प्रो. श्री शंकर सातनकर एवं आभार श्री साहू द्वारा व्यक्त किया गया।