Multai Update : ताप्ती उद्गम स्थल पर सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण व सूर्य महायज्ञ की हुई अलौकिक शुरुआत
मां ताप्ती उद्गम क्षेत्र को काशी के समकक्ष आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान कर रहा आयोजन छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज युवराज राजे भोंसले और महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनंद महाराज रहे उपस्थित हज़ारों माताओं की सहभागिता से आध्यात्मिक ऊर्जा से गूंजा ताप्ती उद्गम क्षेत्र
नर्मदापुरम के धर्माचार्य सोमेश परसाई के सान्निध्य में होगा शिवलिंग पूजन और भस्म महाआरती
बैतूल मां ताप्ती की जन्मभूमि मुलताई में सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण एवं पूजन, सूर्य महायज्ञ और कलश यात्रा के साथ मां ताप्ती उद्गम उद्धार महोत्सव का ऐतिहासिक शुभारंभ हुआ।भक्तिभाव से सराबोर इस आयोजन में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। पूरे नगर में भक्ति की अविरल धारा बहती रही और ताप्ती तट आस्था के महासागर में डूबा नजर आया।

आयोजन समिति के मनीष माथनकर ने बताया महोत्सव की शुरुआत भव्य कलश शोभायात्रा से हुई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में माताएं, बहनें और श्रद्धालु शामिल हुए। कलश यात्रा में मां ताप्ती की आकर्षक प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र रही। पारंपरिक परिधान में सजी महिलाएं सिर पर कलश लिए गाजे-बाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ नगर भ्रमण करते हुए ताप्ती उद्गम स्थल पहुंची, जहां कलशों की स्थापना की गई। दिनेश कालभोर ने बताया इस आध्यात्मिक आयोजन का नेतृत्व मां ताप्ती उद्गम उद्धार महोत्सव समिति द्वारा किया जा रहा है।
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मिली जानकारी के अनुसार आयोजन की दिव्यता को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए नर्मदापुरम के धर्माचार्य सोमेश परसाई के सान्निध्य में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण उनका पूजन, भस्म महाआरती और सूर्य महायज्ञ संपन्न होगा। आयोजन के शुभारंभ अवसर पर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनंद महाराज और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज युवराज राजे भोंसले विशेष रूप से उपस्थित रहे।

समिति के उपेंद्र पाठक ने बताया नगरवासियों सहित दूर-दराज से आए भक्तों ने कलश यात्रा में सहभागिता की और जगह-जगह शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा और आरती के साथ माता की भक्ति में स्वयं को समर्पित किया। प्रशांत भार्गव, संदीप भार्गव के अनुसार आयोजन स्थल पर धर्मसभा और सत्संग के साथ पूरे क्षेत्र में दिव्यता और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिला। महोत्सव समिति की सक्रियता से यह आयोजन ऐतिहासिक बनता जा रहा है। सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण का कार्य हजारों माता-बहनों द्वारा प्रतिदिन बड़ी आस्था से किया जा रहा है। लोकेश यादव ने बताया माताएं शिवलिंग निर्माण कर विधिवत पूजन और भस्म महाआरती कर रही हैं। यह दृश्य ताप्ती उद्गम क्षेत्र को काशी के समकक्ष आध्यात्मिक ऊँचाई प्रदान कर रहा है। आयोजन की महत्ता को देखते हुए हजारों भक्तों की उपस्थिति लगातार बनी हुई है। प्रशासन और आयोजन समिति द्वारा समुचित व्यवस्था की गई है। आने वाले दिनों में यह महोत्सव और भी भव्य रूप लेगा, जिसमें महायज्ञ, धर्मसभा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मां ताप्ती की महिमा को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।