उज्जैन जिले के महिदपुर में दिल को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। यहाँ मजदूरी करने वाले दंपत्ति अपने बीमार एक साल के बेटे को शासकीय अस्पताल लेकर आए थे, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जब माता-पिता ने अपने मृत बच्चे को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, तो उन्हें यह सुविधा नहीं दी गई। हताश माता-पिता को अपने बेटे का शव हाथ में लेकर पैदल ही घर की ओर रवाना होना पड़ा।
इस घटना ने महिदपुर में मानवता को शर्मसार कर दिया है। मजदूर दंपत्ति, धनराज और रामश्री, अपने बेटे अर्पित का इलाज करवाने के लिए शासकीय अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों ने जांच के बाद अर्पित को मृत घोषित कर दिया। इस दुखद समाचार से माता-पिता बुरी तरह टूट गए और रोते-बिलखते हुए उन्होंने एंबुलेंस की मांग की। अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस न उपलब्ध कराए जाने के कारण उन्हें मजबूरन अपने मृत बच्चे को हाथ में लेकर पैदल चलना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने की मदद
जब ये दंपत्ति बस स्टैंड पर बैठे हुए थे, तो स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की। उन्होंने चंदा एकत्रित करके उन्हें एक निजी एंबुलेंस की व्यवस्था की, जिससे वे अपने गांव रवाना हो सके। यह परिवार मूल रूप से मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले का रहने वाला है और उज्जैन के महिदपुर रोड थाना क्षेत्र के गोगपुर गांव में मजदूरी करता है।
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