Income Tax Return : हर वित्तीय वर्ष के अंत में, भारतीय नागरिकों को अपने आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कानूनी दायित्व है, जो आपकी आय और कर देयता को सही ढंग से रिपोर्ट करने में मदद करती है। ITR फाइल करते समय, सही फॉर्म का चयन करना आवश्यक होता है, क्योंकि प्रत्येक फॉर्म विशेष प्रकार के आय स्रोत और करदाताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस लेख में, हम विभिन्न ITR फॉर्म्स और उनके उपयोग के बारे में विस्तार से जानेंगे।
ITR-1
ITR-1 फॉर्म, जिसे ‘सहज’ भी कहा जाता है, उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय निम्नलिखित स्रोतों से होती है:
- सैलरी या पेंशन: यदि आपकी आय केवल वेतन या पेंशन से होती है।
- एक हाउस प्रॉपर्टी: यदि आपकी आय एक ही हाउस प्रॉपर्टी से होती है (लॉस कैरी फॉरवर्ड नहीं होनी चाहिए)।
- अन्य स्रोत: जैसे कि ब्याज, डिविडेंड आदि (घोड़े की दौड़ या लॉटरी से नहीं)।
- कृषि आय: ₹5000 तक की कृषि आय शामिल हो सकती है।
ITR-2
ITR-2 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए है जिनकी आय निम्नलिखित स्रोतों से होती है:
- सैलरी या पेंशन: वेतन या पेंशन से आय।
- एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी: एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी से आय।
- अन्य स्रोत: ब्याज, डिविडेंड, पूंजीगत लाभ आदि।
- विदेशी आय: यदि आपकी विदेशी आय है।
- कृषि आय: ₹5000 से अधिक की कृषि आय।
ITR-3
ITR-3 फॉर्म उन व्यक्तियों और HUF के लिए है जिनकी आय निम्नलिखित स्रोतों से होती है:
- प्रोफिट्स और गेन: व्यापार या पेशे से आय।
- सैलरी या पेंशन: वेतन या पेंशन से आय।
- हाउस प्रॉपर्टी: एक या अधिक हाउस प्रॉपर्टी से आय।
- अन्य स्रोत: ब्याज, डिविडेंड, पूंजीगत लाभ आदि।
- विदेशी आय: यदि आपकी विदेशी आय है।
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ITR-4 (सुगम)
ITR-4 फॉर्म, जिसे ‘सुगम’ भी कहा जाता है, उन व्यक्तियों, HUF और फर्म्स (LLP को छोड़कर) के लिए है जो प्रेजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम के तहत आते हैं, जिसमें आय निम्नलिखित स्रोतों से होती है:
- बिजनेस: छोटे व्यवसायी जिनकी आय अनुमानित योजना के तहत होती है।
- प्रोफेशन: जैसे कि डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आदि।
- सैलरी या पेंशन: वेतन या पेंशन से आय।
- एक हाउस प्रॉपर्टी: एक हाउस प्रॉपर्टी से आय।
- अन्य स्रोत: ब्याज, डिविडेंड आदि।
ITR-5
ITR-5 फॉर्म फर्म्स, LLPs, AOPs (Association of Persons), BOIs (Body of Individuals), और अन्य संस्थाओं के लिए है जो ITR-7 को छोड़कर किसी अन्य फॉर्म के अंतर्गत नहीं आते।
ITR-6
ITR-6 फॉर्म उन कंपनियों के लिए है जिन्हें धारा 11 के तहत छूट नहीं मिली है। इसमें कंपनियों को अपनी आय और कर देयता को रिपोर्ट करना होता है।
ITR-7
ITR-7 फॉर्म उन संस्थाओं के लिए है जो निम्नलिखित सेक्शन्स के तहत रिटर्न फाइल करती हैं:
- धारा 139(4A): धर्मार्थ या धार्मिक ट्रस्ट।
- धारा 139(4B): राजनीतिक पार्टी।
- धारा 139(4C): वैज्ञानिक अनुसंधान संघ, समाचार एजेंसी, आदि।
- धारा 139(4D): विश्वविद्यालय, कॉलेज या अन्य संस्थान।
सही फॉर्म का चयन कैसे करें?
सही ITR फॉर्म का चयन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि गलत फॉर्म भरने पर आपका रिटर्न अस्वीकार हो सकता है। सही फॉर्म चुनने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- आय के स्रोत: अपनी आय के विभिन्न स्रोतों का विश्लेषण करें। विभिन्न ITR फॉर्म्स विभिन्न प्रकार की आय को कवर करते हैं।
- व्यवसाय और पेशा: यदि आप व्यवसायी या पेशेवर हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने लिए सही फॉर्म चुनें।
- विदेशी आय: यदि आपकी विदेशी आय है, तो सही फॉर्म का चयन करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
- कृषि आय: यदि आपकी कृषि आय है, तो सुनिश्चित करें कि आप उस फॉर्म का चयन करें जो इसे कवर करता हो।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय सही फॉर्म का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपकी आय और कर देयता को सही ढंग से रिपोर्ट करने में मदद करता है, बल्कि इससे आपकी टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया भी सुगम और सरल हो जाती है। ऊपर दिए गए विवरण के आधार पर, आप आसानी से अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही ITR फॉर्म का चयन कर सकते हैं। अगर आपको कोई संदेह हो, तो आप एक कर सलाहकार से परामर्श कर सकते हैं, जो आपको सही फॉर्म चुनने और इसे सही ढंग से भरने में मदद कर सकते हैं।