Raksha Bandhan 2024 : सूतक लगने पर कब मनाएंगे रक्षा बंधन का त्योहार

By Betul Digital Media

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Raksha Bandhan 2024

Raksha Bandhan 2024 : का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की सुरक्षा का वचन देते हैं। इस पूजा में अग्नि देव, माता लक्ष्मी, श्री गणेश और श्री विष्णु के प्रतीक के रूप में अक्षत, कुमकुम, चंदन और दीपक का उपयोग किया जाता है। बिना इन आशीर्वादों के राखी की थाली अधूरी मानी जाती है।

हालांकि, कभी-कभी ऐसा होता है कि रक्षाबंधन के शुभ दिन पर किसी परिवार में बच्चे का जन्म हो जाता है या किसी की मृत्यु हो जाती है। ऐसी स्थिति में त्योहार को अशुद्ध मानते हुए सूतक लग जाता है, और पारंपरिक रूप से लोग त्योहार नहीं मनाते। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे समय के लिए विशेष नियम और उपाय बताए गए हैं।

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सूतक क्या होता है?

जब किसी घर में बच्चे का जन्म होता है, तो उस घर में सूतक लग जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, यह सूतक 10 दिनों तक रहता है। इस अवधि में परिवार के सदस्य किसी भी शुभ कार्य को नहीं कर सकते। खासकर नवजात की मां को किसी भी प्रकार के कार्य से रोका जाता है।

सूतक की अवधि कितने दिन होती है?

गरुड़ पुराण के अनुसार, सूतक की अवधि वर्ण के अनुसार भिन्न होती है। ब्राह्मणों के लिए यह 10 दिन, क्षत्रियों के लिए 15 दिन, वैश्यों के लिए 20 दिन, और शूद्रों के लिए 30 दिन होती है। हालांकि, अब सामान्यतः बच्चे के जन्म के बाद 12 दिन का सूतक माना जाता है।

सूतक के दौरान कैसे मनाएं रक्षाबंधन?

यदि रक्षाबंधन के 12 दिनों के भीतर परिवार में किसी का जन्म हो जाए, तो सूतक लग जाता है, जिसके कारण पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों से बचना चाहिए। हालांकि, कुछ नियमों का पालन करते हुए इस दौरान राखी का त्योहार मनाया जा सकता है:

  1. सूतक के दौरान, बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं, लेकिन कुमकुम, चंदन का तिलक या आरती जैसे शुभ कार्य नहीं कर सकतीं।
  2. सूतक के समय पैर छूने का नियम नहीं होता, इसलिए राखी बांधने के बाद भाई-बहन को पैर नहीं छूना चाहिए, बल्कि झुककर आशीर्वाद लेना चाहिए।
  3. मंत्रों का जाप करते समय ध्यान रखें कि इसे जल्दी-जल्दी न करें, क्योंकि यह सूतक के नियमों के विपरीत होता है।

रक्षाबंधन तिथि और शुभ मुहूर्त

इस साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त, सोमवार को सुबह 03:04 से रात 11:55 तक रहेगी। भद्राकाल सुबह 5:53 से दोपहर 1:32 तक रहेगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 1:30 से रात 9:07 तक है।

डिस्क्लेमर: यह लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई जानकारी की सटीकता और पूर्णता के लिए अबैतूल डिजिटल मीडिया जिम्मेदार नहीं है।

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