22 जुलाई से सावन (Sawan 2024) शुरू हो रहा है। इस अवसर पर लाखों कांवड़ यात्री और भक्त ओंकारेश्वर (Omkareshwar Jyotirlinga) पहुंचेंगे। 19 अगस्त तक चलने वाले इस सावन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। मध्य प्रदेश समेत देश के कोने-कोने से लाखों भक्त इस दौरान ओंकारेश्वर आएंगे। प्रशासन तीर्थयात्रियों के लिए आवास, भोजन और परिवहन की व्यवस्था कर रहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए जा रहे हैं। हालांकि, भीड़ को नियंत्रित करना और इंदौर-खंडवा रोड पर लगने वाले जाम को रोकना बड़ी चुनौती है। विधायक गोलू शुक्ला ने इस विषय पर कलेक्टर को पत्र लिखा है। इंदौर के संभागायुक्त दीपक सिंह ने इस सिलसिले में ओंकारेश्वर में मीटिंग ली है।
विधायक ने कहा, कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
अगले सप्ताह से कांवड़ यात्राएं शुरू हो रही हैं। अक्सर ट्रक और भारी वाहनों की चपेट में आने से कांवड़ियों की जान चली जाती है। इस बार पूरे रास्ते में निर्माण कार्य चलने से कांवड़ियों की सुरक्षा की चिंता और बढ़ गई है। इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला ने कहा कि प्रशासन को कांवड़ यात्राओं की सूचना दे दी गई है। हमने कलेक्टर से मांग की है कि एक महीने तक खंडवा रोड पर भारी वाहनों का प्रवेश बंद किया जाए। रास्ते में हो रहे निर्माण और जाम की समस्या से भी अवगत करा दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस और अन्य दल दिन-रात पूरे समय वाहनों की आवाजाही पर नजर रखेंगे।
कई जगह रोके जाएंगे वाहन
संभागायुक्त दीपक सिंह ने इंदौर, खंडवा और खरगोन के अधिकारियों से कहा है कि ओंकारेश्वर में वाहनों की अधिकता होने पर बड़वाह, सनावद और मोरटक्का में कुछ समय के लिए उन्हें रोका जाएगा। इसके साथ ही पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए होल्डिंग एरिया भी विकसित किए जाएंगे, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
बारिश में जाम बढ़ने की संभावना
इंदौर-खंडवा रोड पर लगातार जाम लग रहा है। वाहन चालक घंटों जाम में फंसे रहते हैं। यहां पर सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है और जगह-जगह गिट्टी, मलबा बिखरा हुआ है। लोग पांच से आठ घंटे तक जाम में फंस रहे हैं। सावन को देखते हुए प्रशासन ने कई जगह निर्माण कार्य का मलबा हटाया है और अस्थाई व्यवस्था के रूप में सड़कों पर गिट्टी डालकर उन्हें समतल किया है। हालांकि, बारिश आने पर इन मार्गों पर वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
उज्जैन महाकाल लोक आने वाले भक्त भी ओंकारेश्वर जाते हैं
इस बार सावन के दौरान उज्जैन महाकाल में लाखों भक्त देशभर से आएंगे। उज्जैन महाकाल लोक आने वाले भक्त ओंकारेश्वर भी जाते हैं। भक्त दोनों ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के बाद खजराना गणेश मंदिर भी जाते हैं।
सावन महीने में क्या रहेगा खास
- मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों और मालाओं से सजाया जाएगा।
- विशेष पूजा और अनुष्ठान: सावन में विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे, जैसे भस्म आरती, रुद्राभिषेक और शिव विवाह।
- भक्तों के लिए सुविधाएं: तीर्थयात्रियों के लिए आवास, भोजन और परिवहन की व्यवस्था होगी।
- सुरक्षा: भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए विशेष टास्क फोर्स तैनात किए जाएंगे।
सावन का विशेष महत्व
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने में लाखों भक्त देशभर के शिव मंदिरों में दर्शन करने और पूजा करने के लिए आते हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन और ओंकारेश्वर, अपने प्राचीन शिव मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं। इस दौरान ये दोनों ज्योतिर्लिंग विशेष आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर
यह मप्र का दूसरा ज्योतिर्लिंग है, जहां सावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। मंदिर नर्मदा नदी के द्वीप पर स्थित है, और भक्त नावों से यहां आते हैं। गौरी कुंड में स्नान करना और ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंगों की पूजा करना पापों का नाश और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है।
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर
यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सावन महीने में यहां भारी भीड़ होती है। मंदिर को रंगीन रोशनी और फूलों से सजाया जाता है और विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। नंदी की प्रतिमा के सामने भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं और “हर हर महादेव” के जयकारों से पूरा माहौल गूंज उठता है।