sawan purnima 2024 सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों की सुरक्षा और सुख-समृद्धि का वचन देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और स्नेह को प्रकट करता है।
पौराणिक कथाएं और धार्मिक महत्व
सावन पूर्णिमा के साथ कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। एक प्रमुख कथा महाभारत से संबंधित है, जिसमें द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की कलाई पर एक कपड़े का टुकड़ा बांधकर उनकी रक्षा की थी। इसके बदले में, कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था। यही कारण है कि इस दिन को रक्षा बंधन कहा जाता है, जहां राखी को रक्षा का प्रतीक माना जाता है।
इसके अलावा, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कथा भी प्रसिद्ध है। इस कथा के अनुसार, जब राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपने साथ रहने का वचन दिलाया, तब देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया और विष्णु जी को अपने साथ ले जाने का वचन लिया।
सावन पूर्णिमा ( sawan purnima 2024 ) के अनुष्ठान और परंपराएं
सावन पूर्णिमा के दिन विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान और परंपराएं निभाई जाती हैं। इस दिन की शुरुआत स्नान और पूजा से होती है। बहनें अपने भाइयों के लिए रंग-बिरंगी राखियों को तैयार करती हैं। भाई भी अपने बहनों के लिए उपहार और मिठाई लाते हैं। राखी बांधने की प्रक्रिया के दौरान बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर आरती करती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई राखी बंधवाने के बाद बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
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sawan purnima 2024 शुभ मुहूर्त
सावन पूर्णिमा ( sawan purnima 2024 )के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पंचांग देखकर ही राखी बांधनी चाहिए। 2024 में सावन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
- पूर्णिमा तिथि आरंभ: 18 अगस्त 2024 को रात्रि 10:48 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 19 अगस्त 2024 को रात्रि 09:10 बजे
- राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: प्रातः 09:00 बजे से 12:00 बजे तक
क्या करें सावन पूर्णिमा के दिन
- स्नान और पूजा: इस दिन को शुभ मानते हुए प्रातः काल स्नान करें और भगवान की पूजा करें।
- राखी बांधना: बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधें और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करें।
- उपहार और मिठाई: भाई अपनी बहनों को उपहार और मिठाई दें और उनकी रक्षा का वचन दें।
- दान-पुण्य: इस दिन दान-पुण्य करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र आदि का दान करें।
- सद्गुणों का पालन: इस दिन अपने जीवन में सद्गुणों को अपनाएं और दूसरों की मदद करने का संकल्प लें।
सावन पूर्णिमा ( sawan purnima 2024 ) का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
सावन पूर्णिमा का पर्व सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है और समाज में एकता और सद्भावना को बढ़ावा देता है। इस दिन विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं।
सावन पूर्णिमा ( sawan purnima 2024 ) के दौरान कुछ विशेष बातें
- पवित्रता और स्वच्छता: इस दिन पवित्रता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। अपने घर और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखें।
- संयम और धैर्य: इस दिन संयम और धैर्य का पालन करें। किसी भी प्रकार के विवाद और कलह से दूर रहें।
- प्रकृति के प्रति सम्मान: सावन का महीना वर्षा ऋतु का महीना होता है। इस समय प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर होता है। इसलिए इस दिन प्रकृति के प्रति सम्मान प्रकट करें और वृक्षारोपण करें।
सावन पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जो भाई-बहन के अटूट बंधन को मनाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन के धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएं समाज में सद्भाव और एकता को बढ़ावा देते हैं। 19 अगस्त 2024 को सावन पूर्णिमा के पावन अवसर पर, सभी अपने भाई-बहनों के साथ इस पर्व को धूमधाम से मनाएं और उनके प्रति अपने प्रेम और स्नेह को प्रकट करें।
इस पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!