MP Breaking News : भोपाल: केंद्र सरकार ने 2019 में नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत अपने अनुसार फंड मैनेजर चुनने की सुविधा दी थी, जिसे अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी अपनाने का निर्णय लिया है। इस नए कदम के बाद, राज्य के कर्मचारी अपने हिसाब से फंड मैनेजर का चयन कर सकेंगे और अपने पेंशन योगदान को उनके द्वारा चुने गए फंड मैनेजर के माध्यम से निवेश कर पाएंगे।
कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले से एनपीएस के तहत आने वाले करीब 4 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। राज्य सरकार के इस पहल से कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक राशि प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाएगी। वित्त विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब राज्य के कर्मचारी निवेश पद्धति और पेंशन फंड मैनेजर का चयन स्वयं कर सकते हैं। इसके तहत, पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) में रजिस्टर्ड फंड मैनेजरों में से किसी एक का चुनाव किया जा सकेगा, जिसमें एक साल में केवल एक ही एजेंट चुना जा सकेगा।
यह भी पढे – मुलताई का 40 वर्ष पुराना 17 दुकान कॉम्प्लेक्स होगा जमींदोज: कलेक्टर श्री सूर्यवंशी
निवेश के विकल्प और सीमाएँ
कर्मचारियों के पास निवेश के कई विकल्प होंगे। फंड मैनेजर कंसरवेटिव लाइफ साइकिल और मॉडरेट लाइफ साइकिल के तहत निवेश कर सकते हैं। कंसरवेटिव लाइफ साइकिल में इक्विटी में अधिकतम 25% और मॉडरेट लाइफ साइकिल में अधिकतम 50% तक निवेश किया जा सकता है। इसके अलावा, सरकारी प्रतिभूतियों में 100% निवेश का भी विकल्प उपलब्ध रहेगा, जो कम जोखिम के साथ निर्धारित रिटर्न प्रदान करेगा।
लाभप्रद निवेश के अवसर
मध्य प्रदेश में एनपीएस कर्मचारियों की पेंशन का अंशदान अब तक केवल एसबीआई, यूटीआई, और एलआईसी में निवेश किया जा रहा था। अब, इन कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों में भी निवेश का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जिससे कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिलने की उम्मीद है। एनपीएस के तहत कर्मचारी 10% और राज्य सरकार 14% का अंशदान देती है, जिसे शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है।
शेयर मार्केट के विशेषज्ञ संतोष अग्रवाल कहते हैं, “म्युचुअल फंड निवेश का एक सुरक्षित तरीका है और फंड मैनेजरों की सलाह पर अच्छे कंपनियों में लॉन्ग टर्म निवेश से बेहतरीन रिटर्न मिलता है। औसत दस साल का रिटर्न 20% है और कई बार यह 30% तक भी पहुंच जाता है। एनपीएस के तहत फंड मैनेजर का विकल्प देना कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।” मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने भी इस नई सुविधा की सराहना की और कहा कि इससे कर्मचारियों को अधिक लाभ मिलेगा।