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CM Mohan Yadav के काफिले को लगा चुना ! काफिले की गाड़ियों में डाला पानी मिला डीजल,

Published On: June 27, 2025
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CM Mohan Yadav
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राज्य के मुख्यमंत्री CM Mohan Yadav के काफिले की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला सीएम CM Mohan Yadav काफिले की गाड़ियों में डीजल और पेट्रोल की गुणवत्ता से जुड़ा है, जहां ईंधन में पानी की मिलावट पाई गई। इस घटना के बाद संबंधित पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है और जांच की कार्रवाई शुरू हो गई है। यह घटना न केवल सुरक्षा प्रोटोकॉल में चूक को उजागर करती है, बल्कि ईंधन माफिया की बढ़ती हिमाकत को भी दर्शाती है।

जाने क्या है मामला

मुख्यमंत्री CM Mohan Yadav के काफिले में शामिल वाहनों को हाल ही में एक निजी पेट्रोल पंप से ईंधन भरवाया गया था। कुछ समय बाद जब सभी गड़िया बंद हो गई , तो इसके बाद मौके पर मैकेनिकल टीम जांच करने पहुचे । जांच में पाया गया कि वाहनों के टैंक में डीजल और पेट्रोल के साथ पानी की मात्रा मिली हुई है। यह मामला गंभीर इसलिए है क्योंकि CM Mohan Yadav के काफिले में सुरक्षा और व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाता है, लेकिन गाड़ियों में मिलावट जैसी घटना ने प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाए है।

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पेट्रोल पंप की जांच के उपरांत सील

जैसे ही यह मामला सामने आया, प्रशासनिक अधिकारियों ने संबंधित पेट्रोल पंप पर छापा मारा। जांच में पाया गया कि पंप पर मिलावटखोरी का काम बड़े पैमाने पर हो रहा था। ईंधन की गुणवत्ता जांचने वाले उपकरणों में हेराफेरी की गई थी, जिससे ग्राहकों को शुद्ध ईंधन के बजाय मिलावटी ईंधन दिया जा रहा था। इसके बाद पेट्रोल पंप को तुरंत सील कर दिया गया और मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई।

कैसे हुई इतनी बड़ी छूक

मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के काफिले के लिए ईंधन भरने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच अनिवार्य होती है। लेकिन इस मामले में यह प्रक्रिया या तो पूरी तरह से अनदेखी की गई या फिर जांच में लापरवाही बरती गई। यदि सीएम के वाहनों में ईंधन की मिलावट पकड़ी जा सकती है, तो आम नागरिकों के साथ कितनी बड़ी धोखाधड़ी हो रही होगी, इसकी केवल कल्पना की जा सकती है।

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क्या हम यह कह सकते है की मिलावट अब चरम पर है

यह घटना एक बार फिर से दर्शाती है कि ईंधन माफिया किस तरह से अपना कारोबार चला रहे हैं। पेट्रोल-डीजल में मिलावट करके अवैध मुनाफा कमाने वाले ये गिरोह अक्सर प्रशासन और जांच एजेंसियों से सांठगांठ करके अपना काम चलाते हैं। इस मामले में भी यह संभावना जताई जा रही है कि पेट्रोल पंप मालिक के कुछ अधिकारियों से संबंध हो सकते हैं, जिसकी वजह से वह इतनी बेबाकी से मिलावट कर पा रहा था।

जांच और आगे की कार्रवाई

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है। पुलिस और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीमें इस मामले की छानबीन कर रही हैं। साथ ही, राज्य के अन्य पेट्रोल पंपों की भी रैंडम जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और भी इस तरह की मिलावट तो नहीं हो रही है।

सीएम के काफिले की गाड़ियों में मिलावटी ईंधन का मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि ईंधन माफिया किस हद तक अपना कारोबार फैला चुके हैं। इस घटना के बाद सरकार को ईंधन की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए और मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार करके भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जाना चाहिए।

यह घटना एक चेतावनी के रूप में सामने आई है कि अगर समय रहते ईंधन माफिया पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है। आम जनता को भी सचेत रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध पेट्रोल पंप पर ध्यान देकर प्रशासन को सूचित करना चाहिए। केवल सरकार और जनता की साझा कोशिशों से ही इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है।

betuldigitalmedia

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