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Flood In Uttrakhand : केदारनाथ मे फिर आफत की बारिश , फसे हुए लोगों का रेस्क्यू जारी

Published On: August 3, 2024
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देहरादून / Flood In Uttrakhand: लगातार हो रही भारी बारिश ने कई राज्यों में तबाही मचा दी है, और उत्तराखंड में इसका सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को भीषण बारिश के चलते काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने यहां फंसे लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया है। केदारनाथ में आए इस संकट के बाद, तीसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है। आज सुबह 6 बजे से शुरू हुए इस अभियान में लिनचोली से करीब 150 लोगों को हेलीकॉप्टर द्वारा शेरसी हेलीपैड भेजा गया। जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें लगातार खोज और बचाव कार्य में जुटी हैं, जिसमें बड़ी और छोटी लिनचोली में मलबे में दबे शवों की खोज भी शामिल है।

पत्थरों में दबा शव मिला
रेस्क्यू स्थल थारू कैंप के पास बड़े-बड़े पत्थरों में दबा एक शव बरामद हुआ है। शव के पास से दो मोबाइल फोन और अन्य सामग्री भी मिली है। मृतक की पहचान सहारनपुर के निवासी शुभम कश्यप के रूप में हुई है। शव और प्राप्त सामग्री को चौकी लिनचोली को सौंप दिया गया है। रेस्क्यू टीम थारू कैंप और छोटी लिनचोली में लापता लोगों की तलाश कर रही है, जिसमें थारू कैंप में एक और मोबाइल मिला है जिसे चौकी लिनचोली के सुपुर्द किया गया है।

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त्रिजुगीनारायण में फंसे यात्री
त्रिजुगीनारायण से 3-4 किलोमीटर ऊपर तोसी गांव में 8-10 यात्रियों के फंसे होने की सूचना पर एसडीआरएफ की एक टीम एसआई जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में वहां रवाना हो गई है। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने बताया कि केदारनाथ में बुधवार रात को हुई भारी बारिश के कारण कई रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। विभिन्न जगहों पर फंसे तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल लगातार काम कर रहे हैं। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए वायु सेना के चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों का भी उपयोग किया जा रहा है, जबकि मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है।

मोबाइल नेटवर्क ठप
मोबाइल नेटवर्क दो दिनों से ठप है, जिससे लगभग 150 यात्रियों को अपने परिवारों से संपर्क करने में परेशानी हो रही है। विभिन्न जगहों पर रुके यात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त भोजन, पानी और आवास की व्यवस्था की गई है। 18 किलोमीटर का पैदल रास्ता करीब 13 जगहों पर टूट गया है, इसलिए चौमासी के वैकल्पिक रास्ते से रेस्क्यू किया जा रहा है।

betuldigitalmedia

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