केदारनाथ में फँसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने सरकार – कमलनाथ ( पूर्व मुख्यमंत्री )

Published On: August 2, 2024
Follow Us

मध्य प्रदेश / बैतूल डिजिटल मीडिया : पूर्व मुख्यमंत्री ने देश और मध्यप्रदेश के तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना पहाड़ों की यात्रा से बचें। बारिश के मौसम में भूस्खलन से यात्रा हमेशा असुरक्षित रहती है। ऐसे में संपूर्ण जानकारी और आपदा से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ ही यात्रा करें।

मॉनसून का कहर: देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति गंभीर

देश के कई हिस्सों में मॉनसून ने तबाही मचाई है। केरल के वायनाड में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गोवा और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब भी कई सैलानी और तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार से इन यात्रियों को सुरक्षित निकालने की मांग की है।

तीर्थयात्रियों की सहायता की मांग

कमलनाथ ने एक्स पर लिखा, ‘केरल के वायनाड में भूस्खलन से सैकड़ों लोगों की मौत के बाद अब उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से भी बादल फटने और मुख्य सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आ रही हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा पर गए मध्यप्रदेश के 61 श्रद्धालुओं समेत हज़ारों तीर्थयात्रियों के फंसने की खबरें चिंताजनक हैं। हिमाचल के कुल्लू, शिमला, चंबा और मंडी में भी बादल फटने और बाढ़ से एक नेशनल हाईवे समेत कई सड़कों का तबाह होना बेहद चिंताजनक है। कई सैलानी यात्रा मार्ग पर फंसे हुए हैं।’

सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना यात्रा न करें

उन्होंने कहा, ‘मैं देश और मध्यप्रदेश के सभी तीर्थयात्रियों से प्रार्थना करता हूँ कि अपनी और अपने परिवार की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना पहाड़ों की यात्रा करने से बचें। बारिश के दिनों में पहाड़ों पर भूस्खलन हमेशा यात्रा को असुरक्षित बनाते हैं। इसलिए पूरी जानकारी और आपदा से सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के साथ ही यात्रा करें।’

केंद्र सरकार से सहायता की अपील

कमलनाथ ने केंद्र सरकार से अपील की है कि फंसे हुए यात्रियों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा, ‘मौसम विभाग और अन्य सक्षम एजेंसियाँ यात्रा के जोखिम का मूल्यांकन करें और यात्रा को सुरक्षित पाए जाने पर ही यात्रियों को आगे जाने की अनुमति दें। याद रहे, यदि जीवन सुरक्षित रहा, तो अनेकों यात्राएँ और तीर्थ के द्वार आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे।’

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment