Ram Mandir Update : क्या है सूर्य किरण अभिषेक ? राम मंदिर समिति को पीएम ने दिया था सुझाव

Ram Mandir Update , Surya Kiran Abhishekh : भगवान भाव के भूखे है उनका अभिषेक कई तरह से होता है । जैसे शिवजी का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक होता है । इस तरह कुछ मंदिरों का निर्माण इस तरह से कराया जाता है । कि किसी निश्चित तिथि या रोजाना सूर्य की पहली किरण वहां स्थापित विग्रह पर सबसे पहले पड़े ऐसा ही इंतजाम राम मंदिर के लिए हुआ है ।

Ayodhya Ram Mandir Update सूर्य की पहली किरण से मंदिर का अभिषेक होना बहुत शुभ माना जाता है । सनातन धर्म में सूर्य को ऊर्जा का स्रोत और ग्रहों का राजा माना जाता है । ऐसे में जब देवता अपनी पहली किरण से भगवान का अभिषेक करते हैं । तो उसे आराधना में और देवत्व का भाव जाग जाता है । इस परिकल्पना को सूर्य किरण अभिषेक कहा जाता है अयोध्या में बना रहे भगवान राम के मंदिर में भी सूर्य की रोशनी से प्रभु का सूर्य किरण अभिषेक करने की जो परिकल्पना की गई थी । उसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है । कैसे संभव हुआ यह संकल्प और आगे कैसे होगी सूर्य किरण से भगवान राम का अभिषेक आइए आपको बताते हैं ।

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मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने रामलीला के मंदिर की नींव रखने वाले दिन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक के कार्यक्रम की जानकारी देशवासियों से साझा की , तो पता चले कि अयोध्या के भव्य निर्माण में रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें से प्रभु का सूर्य किरण अभिषेक होगा ।

रामनवमी पर सूरज की किरणें करेगी प्रभु का स्पर्श

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर निर्माण की जानकारी देते हुए भूपेंद्र मिश्र ने कहा मंदिर के शिखर का निर्माण अद्भुत है । इसे वैज्ञानिक तकनीक से बनाया जा रहा है । हर साल सिर्फ रामनवमी के दिन दोपहर कुछ पलों के लिए सूरज की किरणें सीधे भगवान राम मंदिर की मूर्ति पर पड़ेगी । सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के तकनीक सीएमओ ने पीएम मोदी ने , खास अपील की थी पीएम मोदी के विशेष आग्रह पर यह परिकल्पना साकार हुई है । सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट और पुणे के एस्टॉनोमिकल इंस्टिट्यूट के एक्सपर्ट्स इस दिशा में काम कर रहे थे जिन्हें अपने खोज में कामयाबी मिली है ।

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक भगवान राम जहां विराजमान होंगे उस गर्भगृह को संगमरमर से बनाया जा रहा है दीवारें भी संगमरमर से बन रही है प्रभु कमलदल पर विराजेंगे उनका सिंहासन सोने का होगा । राम मंदिर में आकर्षण का केंद्र रामनवमी होगा जब सूरज की किरणे रामलल्ला के मस्तक पर अभिषेक करती नजर आएगी । प्रत्येक रामनवमी को सूर्य की किरणें रामलल्ला का अभिषेक करेगी इसके लिए वैज्ञानिक इस पर रिसर्च भी कर रहे हैं ।

आस्था और विज्ञान का अटूट संगम

भगवान राम लला  के इस सूर्य अभिषेक के लिए देश के कई संस्थाओं के वैज्ञानिक की रिसर्च टीम काम कर रही है । जिसमे CSIR, CBRC,IIAP , के सदस्यों के साथ कई अन्य संस्थाओं के वैज्ञानिक इसके लिए शोध कर चुके हैं । इस काम में जुटी टीम रामनवमी के दिन मंदिर के पास सूर्य की पोजीशन एंगल आदि पर कई बार भौतिक रूप से मौके पर पहुंचकर काम कर चुकी है ।वैज्ञानिकों की टीम लगातार चंद्र व सूर्य कैलेंडर के आधार पर सूर्य की स्थिति की गणना में जुटी है । इस गणना से जुटाए गए तथ्यों के आधार पर भगवान राम का सूर्य किरण अभिषेक करने की तैयारी है । हालांकि 22 जनवरी 2024 में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा एवं दिसंबर 2024 तक शिखर का निर्माण पूरा होने के बाद इसे प्रयोग को दोबारा करके शिष्यों के सही स्थान पर लगाने जाने की चुनौती अभी बाकी है ।

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