election update 2024 : कौन है Avdhesh Prasad जिन्होंने Bjp से छीन लिया Ayodhya वाली सीट , मां-बाप का नहीं कर पाया थे अंतिम संस्कार

election update 2024 : Avdhesh Prasad को खुद को सिर्फ दलित नेता के रूप में पहचान पसंद नहीं है लेकिन हकीकत यही है कि उनकी पहचान साफ के दलित चेहरे के रूप में होती है वह इससे पहले सात बार विधायक रह चुके हैं।


election update 2024 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा है। रामनगरी अयोध्या वाली सीट भी भगवा पार्टी नहीं बचा सखी जहां हाल ही में भाव राम मंदिर की रानी प्रतिष्ठा की गई थी नतीजा सामने आने के बाद फैजाबाद की सीटों ने लोगों का ध्यान अपनी औरखींचा है। भाजपा से इस सीट को चलने वाले समाजवादी पार्टी सपा के नेता अवधेश प्रसाद की चर्चा हो रही है। वह दलित है और उन्होंने गैर आरक्षित सीट से चुनाव जीता है ऐसे करने वाले वह एकलव्य नेता है उन्होंने भाजपा के दो बार के मौजूदा सांसद लल्लू सिंह को 54567 फोटो सेहराया है वोटो से हराया है वोटो से हराया हैअवधेश प्रसाद ने लखनऊ विश्वविद्यालय से लो में स्नातक किया है। वह महा 21 साल की उम्र से राजनीति में सक्रिय है पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने नेतावत वाले भारतीय कृषि दल में भी वहां रह चुके हैं 1974 में अयोध्या जिले के सोहावल सेट से उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनावलाडा।

मां के निधन पर भी पैरोल नहीं

आपातकाल के दौरान उन्होंने गिरफ्तार कर लिया था जिले में रहते हुए उनकी मां का निधन हो गया था उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उन्हें पैरोल भी नहीं मिला था जिले से निकलने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और पूरी तरह से राजनीति में उतर गए 1981 में वह लोक दल और जनता पार्टी दोनों के महा सचिव बने।

पिता के अंतिम संस्कार में नहीं हुए शामिल

आदर्श प्रसाद अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके वह कॉमेडी के लोकसभा अब चुनाव के बाद हुए वोटो की गिनती में व्यस्त थे राजीव गांधी ने अपने पहले चुनाव में लोक दल के साथ यादव को हराया था अवधेश प्रसाद को चरण सिंह से सख्त निर्देश मिला था कि वह मतगणना कक्ष को ना छोड़े 7 दिनों तक वोट की गिनती के दौरान वह अपने पिता के निधन की खबर सुनने में बावजूद मतगणना केंद्र पर ही डॉटर है।

मुलायम के साथ-साथ की स्थापना

जब जनता पार्टी बिखर गई तो अवधेश प्रसाद ने मुलायम सिंह के साथ खोलिए उनके साथ मिलकर 1992 से सब की सूरत की उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और केंद्रीय सदस्य बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया था बाद में बाद में उन्हें सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर प्रमोट किया गया अभी वह इस पद पर बने हुए हैं।

उन्हें 1996 में अकबरपुर लोकसभा सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हर का सामना करना पड़ता था यह सीट पहले फैजाबाद जिले में हुआ करती थी विधानसभा चुनाव में किस्मत ने उनका खूब साथ दिया है वह 9 बार रन है जिनमें से सात बार सफलता मिली है।

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