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Devastation rain in Uttarakhand : उत्तराखंड मे तबाही वाली बारिश हिमाचल मे 49 लोग अभी भी लापता

Published On: August 2, 2024
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Devastation rain in Uttarakhand : मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने खराब मौसम की चेतावनी देते हुए मंगलवार रात से रेड अलर्ट जारी किया। प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 445 सड़कें बंद हो चुकी हैं और नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। अब रेस्क्यू ऑपरेशन की जगह सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

Devastation rain in Uttarakhand

पिछले कुछ दिनों में पहाड़ी राज्यों में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश से कई लोगों की मौत हो गई है। उत्तराखंड में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें हरिद्वार में चार, टिहरी में तीन, देहरादून में तीन, चमोली, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। 16 लोग अभी भी लापता हैं। केदारनाथ में फंसे 2537 यात्रियों को बचा लिया गया है, जिनमें से 737 को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए थे और आज भी ऑपरेशन जारी रहेगा।

भारी बारिश से उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन गई है और कई लोग फंसे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स के चिनूक, एमआई 17 और तीन टैंकर एटीएफ भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर पीएमओ ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस पर नजर रखे हुए हैं।

Devastation rain in Uttarakhand

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31 जुलाई 2024 को चौकी लिनचोली से मिली सूचना पर एसडीआरएफ की एक टीम ने 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एक व्यक्ति को बचाया। यह व्यक्ति थारू कैंप के पास बड़े पत्थरों के नीचे दबा हुआ था। एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ और एनडीआरएफ की सहायता से गिरीश नामक व्यक्ति को सुरक्षित निकाला और उसे तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए हेलीकॉप्टर से उच्च चिकित्सा केंद्र भेजा गया। एक मृत व्यक्ति को भी निकालकर चौकी लिनचोली को सौंपा गया।

हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश से तबाही मची है। छह स्थानों पर बादल फटने से 49 लोग लापता हो गए हैं और अब तक 5 शव बरामद हुए हैं। 47 घर, 10 दुकानें, 7 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, बस अड्डा, 18 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गए हैं। कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजवन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। पिछले साल की आपदा की यादें फिर से ताजा हो गई हैं, जब सात घंटों में सामान्य से 305 मिलीमीटर ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई थी।

शिमला के रामपुर में बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हैं। एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और हिमाचल पुलिस मिलकर नाले में सर्च ऑपरेशन चला रही है। बारिश के कारण सर्च ऑपरेशन में बाधा आई, लेकिन अब इसे फिर से शुरू कर दिया गया है।

betuldigitalmedia

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